एक तरफ सीएम पद की खींचतान… दूसरी ओर MVA के अजित के लिए नरम तेवर, जानें महाराष्ट्र में क्या चल

एक तरफ सीएम पद की खींचतान… दूसरी ओर MVA के अजित के लिए नरम तेवर, जानें महाराष्ट्र में क्या चल

Maharashtra Authorities: मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट में चल रही खींचतान के बीच प्रफुल्ल पटेल के बयान ने महाराष्ट्र की सियासत को गरमा दिया है. एक तरफ देवेंद्र फडणवीस साफ कर चुके हैं कि सीएम पद पर एकनाथ शिंदे ही बने रहेंगे, तो वहीं प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि आज नहीं तो कल अजित सीएम जरूर बनेंगे. उधर, महाविकास अघाड़ी गठबंधन के तेवर भी अजित पवार के लिए नरम पड़ेते नजर आ रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने अजित के काम और समर्पण की तारीफ की है तो वहीं चाचा और भतीजे के बीच हुई तीन मुलाकातों के बाद शरद पवार भी नरम नजर आ रहे हैं

हालांकि, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी पर कब्जे की लड़ाई अभी भी जारी है. एनसीपी पर अजित के दावे को लेकर चुनाव आयोग ने शरद पवार से जवाब मांगा है. इस हफ्ते की शुरुआत में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि बीजेपी हाईकमान 10 अगस्त को अजित पवार के नाम की मुख्यमंत्री के तौर पर घोषणा कर सकता है क्योंकि वे 2024 का लोकसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के साथ नहीं लड़ना चाहते.

प्रफुल्ल पटेल ने कहा- आज नहीं तो कल, सीएम जरूर बनेंगे अजित पावर
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने चव्हाण के दावे को खारिज करते हुए कहा कि शिंदे ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे और राज्य में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. वहीं, शिंदे ने भी कहा कि अजित के गठबंधन में आने से उन्हें कोई खतरी नहीं है. इस बीच, प्रफुल्ल पटेल के बयान से सियासत गरमा गई है. उन्होंने कहा, “काम करने वालों को मौका जरूर मिलता है. आज नहीं तो कल या फिर किसी और दिन. कई लोगों को मौका मिला है. अजित दादा को भी मौका जरूर मिलेगा, आज नहीं तो कल या फिर भविष्य में. हम उस दिशा में काम कर रहे हैं.” अजित पवार के बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में शामिल होने के बाद से ही उनके सीएम बनने की चर्चाएं हैं.

उद्धव ने की अजित की तारीफ
उधर, उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में अजित पवार को ईमानदारी से काम करने वाला नेता बताया है. उन्होंने कहा कि जब महाविकास अघाड़ी सरकार थी तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी वाले विभाग बेहतर तरीके से संभाले थे. वहीं, शरद पवार का रुख भी भतीजे के लिए नरम हुआ है. एनसीपी में बगावत के बाद अजित पवार की चाचा से तीन बार मुलाकात हुई है, जिसके बाद उनके सुर भी नरम पड़े हैं.

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