No Confidence Movement: मानसून सत्र की शुरुआत से ही संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चला आ रहा गतिरोध बुधवार (26 जुलाई) को नए मोड़ पर पहुंच गया. विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A ने लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंजूर कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर अगले हफ्ते चर्चा हो सकती है.
बुधवार सुबह 9.10 बजे कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा सचिवालय में एक अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष लिखित नोटिस दिया. प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए लोकसभा स्पीकर ने कहा है कि इस पर चर्चा के लिए वक्त और तारीख बाद में तय किया जाएगा.
क्या कहता है नियम?
लोकसभा की प्रक्रिया और आचरण नियमावली के नियम 198 में अविश्वास प्रस्ताव के बारे में बताया गया है. इसमें कहा गया है कि संसद का कोई भी सदस्य, जिसके पास 50 से अधिक सदस्यों का समर्थन हो, अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. नियम के मुताबिक, प्रस्ताव स्वीकार होने के 10 दिनों के भीतर सरकार को सदन में बहुमत साबित करना होता है. अगर सरकार बहुमत साबित करने में असफल रहती है तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना पड़ता है.
10 दिन के नियम के अनुसार, लोकसभा में प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए आखिरी तारीख 5 अगस्त होगी, जिसका मतलब हुआ कि स्पीकर को इस तारीख से पहले ही चर्चा के लिए समय निर्धारित करना होगा.