मोदी सरकार के 9 साल: विपक्ष के वो नेता जिन पर कसा सीबीआई और ईडी का शिकंजा

<p>इन दिनों दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की चर्चा है. सिसोदिया की गिरफ्तारी सीबीआई ने शराब नीति में कथित घोटाले की जांच को लेकर की है. सिसोदिया कोई अकेले नेता नहीं है जिन पर सीबीआई ने शिकंजा कसा है. सीबीआई और ईडी के निशाने पर विपक्ष के कई बड़े नेता आ चुके हैं. 9 साल में 95 प्रतिशत विपक्षी नेता ईडी और सीबीआई की गिरफ्त में फंसे हैं. इन नेताओं की लिस्ट कई बड़े विपक्षी नेता -सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डीके शिवकुमार, संजय राउत, अखिलेश यादव जैसे बड़े नामों के अलावा कई बड़े और दिग्गज नेताओं के नाम&nbsp; शामिल हैं.&nbsp;</p>
<p>बीते कुछ समय से विपक्ष का एक बड़ा तबका बार-बार ये दोहराता आया है मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को ‘काबू’ करने के लिए कर रही है. ये इल्जाम कोई नया नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में एक टिप्पणी की थी ‘सीबीआई सरकार का तोता है’. तब देश में यूपीए की सरकार थी.&nbsp;</p>
<p><sturdy>पहले बात दो ऐसे मामलों की जब विपक्ष ने ईडी पर सीधा सवाल उठाया</sturdy></p>
<p>Three जुलाई 2022 को महाराष्ट्र में नया गठबंधन बना और विपक्ष की ओर से "ईडी, ईडी" के नारे लगाए गए. ये नारे इन आरोपों को हवा देने की एक कोशिश माने गए कि <a title="एकनाथ शिंदे" href="https://www.abplive.com/subject/eknath-shinde" data-type="interlinkingkeywords">एकनाथ शिंदे</a> के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डर से बीजेपी से हाथ मिला लिया .&nbsp;</p>
<p>&nbsp;21 अगस्त को बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि केंद्र ने ईडी को टीएमसी नेताओं के खिलाफ अलग-अलग मामलों की जांच के लिए भेजा था.&nbsp;</p>
<p>दो अलग-अलग राज्यों से आए ये दोनों ही मामले राजनीतिक दलों में बढ़ती धारणा को बताते हैं कि "ईडी अब नई सीबीआई है’. विपक्ष ईडी की जांच को राजनीतिक रंगों में रंगा हुआ देखता है. &nbsp;</p>
<p>इंडियन एक्सप्रेस में छपी 2022 की रिपोर्ट ये बताती है कि 18 सालों में ईडी ने 147 प्रमुख राजनेताओं की जांच की थी, जिनमें से पिछले 9 सालों में 95 प्रतिशत से ज्यादा विपक्षी नेता थे. यानी 2014 के बाद से नेताओं के खिलाफ ईडी के इस्तेमाल में चार गुना बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान 121 राजनेता जांच के दायरे में आए जिनमें 115 से ज्यादा विपक्षी नेता हैं.&nbsp;</p>
<p>ईडी की केसबुक में भी विपक्षी राजनेताओं और उनके करीबी रिश्तेदारों की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई है. ये सभी विपक्षी नेता 2014 में एनडीए-2 सरकार के सत्ता में आने के बाद से इसकी जांच के दायरे में आए हैं.&nbsp;&nbsp;</p>
<p>आइए उन प्रमुख विपक्षी नेताओं के बारे में जानते हैं जिन पर पिछले 9 सालों में ईडी और सीबीआई ने शिकंजा कसाः</p>
<p><sturdy>सोनिया गांधी, राहुल गांधी</sturdy></p>
<p>सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी के खिलाफ ईडी ने नेशनल हेराल्ड अखबार के अधिग्रहण को लेकर मामला दर्ज किया था. धनशोधन का यह मामला बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की तरफ से उठाया गया था. स्वामी ने 2013 में एक अदालत में निजी शिकायत दर्ज कराई थी. स्वामी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि अधिग्रहण के दौरान गांधी परिवार ने धोखाधड़ी की और धन का दुरुपयोग किया.&nbsp;</p>
<p>जून 2022 में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी ने इस मामले में समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया था.&nbsp;</p>
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<p class="bbc-kl1u1v e17g058b0" dir="ltr">इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सितम्बर 2022 तक जांच एजेंसियों के घेरे में कांग्रेस के 24 नेता थे. वहीं तब तक डीएमके के 6, बीजू जनता दल के 6, समाजवादी पार्टी के पांच, बसपा के पांच, आप के तीन, वाईएसआरसीपी के तीन, आईएनएलडी के तीन, सीपीएम के दो, पीडीपी के दो और टीआरस, एआईएडीएमके, एमएनएस के एक-एक नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों की जांच जारी है.</p>
<p><sturdy>पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम</sturdy></p>
<p>सीबीआई और ईडी ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर भी शिकंजा कसा है. दोनों के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस सौदों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी में भूमिका का आरोप लगाया गया है. एजेंसियों ने आरोप लगाया कि दोनों मामलों में कार्ति को मिली रिश्वत के बदले फर्जी तरीके से एफडीआई मंजूरी दी गई.</p>
<p>एयरसेल-मैक्सिस मामला 2जी जांच का हिस्सा है. ये मामला 2012 से चल रहा है. 2021 में चिदंबरम को पिछले साल आईएनएक्स मामले में सीबीआई और ईडी ने गिरफ्तार किया था. दोनों मामलों में एजेंसी ने अभियोजन शिकायत दायर की है.&nbsp;&nbsp;</p>
<p><sturdy>डीके शिवकुमार</sturdy></p>
<p>कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार को ईडी ने Three सितंबर, 2019 को गिरफ्तार किया था. सितंबर 2018 में केंद्रीय एजेंसी ने शिवकुमार और अन्य के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था.</p>
<p>2017 में शिवकुमार ने कथित तौर पर गुजरात कांग्रेस के 44 विधायकों को कर्नाटक के एक रिसॉर्ट में ठहराया था. उस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल राज्यसभा चुनाव लड़ रहे थे. इसके बाद आयकर विभाग ने शिवकुमार की तलाशी ली और ईडी ने भी कार्रवाई की. दिसंबर 2022 में ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की थी.&nbsp;</p>
<p><sturdy>भूपेंद्र हुड्डा</sturdy></p>
<p>हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ ईडी दो प्रमुख मामलों में जांच कर रही है. एक कथित मानेसर भूमि घोटाले से संबंधित है और दूसरा पंचकूला में गांधी परिवार के स्वामित्व वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को भूमि के आवंटन से जुड़ा हुआ है. मानेसर भूमि घोटाला मामला कथित तौर पर किसानों से औने-पौने दामों पर अधिग्रहित और बिल्डरों को दी गई जमीन से जुड़ा हुआ मामला है. एजेएल मामला सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने से जुड़ा हुआ है.</p>
<p><sturdy>अहमद पटेल</sturdy></p>
<p>कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल पर भी ईडी का शिकंजा कसा जा चुका है. बता दें कि अहमद पटेल की पिछले साल कोविड-19 से मृत्यु हो गई थी. पटेल पर स्टर्लिंग बायोटेक मामले के संबंध में ईडी द्वारा जांच की जा रही थी. यह मामला गुजरात के कारोबारी नितिन और चेतन संदेसरा की धोखाधड़ी से जुड़ा था. मामला 20,000 करोड़ रुपये की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से संबंधित है. जून और जुलाई 2020 में ईडी ने संदेसरा परिवार के साथ उनके कथित संबंधों पर पटेल से कई बार पूछताछ की. 2019 में ईडी ने पटेल के बेटे फैसल से पूछताछ की थी.&nbsp;</p>
<p><sturdy>अशोक गहलोत, सचिन पायलट, कार्ति चिदंबरम</sturdy></p>
<p>कांग्रेस के तीन नेता अशोक गहलोत, सचिन पायलट, कार्ति चिदंबरम राजस्थान एम्बुलेंस घोटाले में आरोपी हैं. 2015 में तीनों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए थे. 2010 में&nbsp; एम्बुलेंस योजना को फर्जी तरीके से जिकित्जा हेल्थकेयर नामक एक कंपनी को दे दिया गया था. सचिन पायलट और कार्ति चिदंबरम कथित तौर पर कंपनी के निदेशक थे.&nbsp;</p>
<p><sturdy>भूपेश बघेल </sturdy></p>
<p>छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार पर लगातार जांच एजेंसियों का दबाव बना हुआ है. दिसम्बर 2022 में भूपेश बघेल की ओएसडी सौम्या चौरसिया को ईडी ने गिरफ़्तार कर लिया था.</p>
<p>बतातें चलें कि 20 फरवरी 2022 को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव और चंद्रदेव राय समेत करीब 6 कांग्रेस नेताओं के घर-दफ़्तर पर ईडी ने छापा मारा था.</p>
<p><sturdy>हिमंत बिस्वा सरमा</sturdy></p>
<p>असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर 2014 और 2015 में सीबीआई और ईडी ने जांच की थी. सीबीआई ने 2014 में उनके घर और कार्यालय पर छापा मारा था और उनसे पूछताछ भी की थी. उन पर शारदा मामले के प्रमुख आरोपी सुदीप्त सेन के साथ वित्तीय लेनदेन करने का आरोप लगाया गया था.</p>
<p>इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में असम चुनावों से सरमा बीजेपी में शामिल गए. उसके बाद मामले में कोई सुनवाई नहीं की गई है.&nbsp;</p>
<p><sturdy>सुखविंदर सिंह उर्फ लाली (जालंधर)</sturdy></p>
<p>पंजाब के जालंधर जिले के कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह पर 2019 में विदेशी फेमा का उल्लंघन करने को लेकर ईडी ने छापा मारा था. उनके ऊपर कनाडा में संपत्ति रखने का आरपो था. जुलाई 2020 में ईडी ने इस मामले के संबंध में जालंधर में उनके आवास को कुर्क कर लिया था.</p>
<p><sturdy>सीपीआई (एम) पिनाराई विजयन</sturdy></p>
<p>1995 के एसएनसी लवलीन मामले में सीपीआई (एम) के तत्कालीन केरल राज्य सचिव पिनाराई विजयन के खिलाफ सीबीआई द्वारा चार्जशीट दायर हुई थी. अप्रैल 2021 में मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की.&nbsp; पूरे मामले में&nbsp; विजयन से पूछताछ नहीं की गई है और न ही मामले में उनका नाम लिया है.&nbsp;</p>
<p><sturdy>थॉमस इसहाक</sturdy></p>
<p>राज्य चुनावों से एक महीने पहले मार्च 2021 में, ईडी ने केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (केआईआईएफबी) के डिप्टी सीईओ और सीईओ को कथित विदेशी मुद्रा उल्लंघन के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था. यह जांच कैग की एक रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें कहा गया है कि के आईआईएफबी ने केंद्र सरकार की सहमति के बिना अंतरराष्ट्रीय बाजार से धन जुटाया.</p>
<p>&nbsp;<sturdy>बिहार में राजद नेताओं पर सीबीआई की छापेमारी</sturdy></p>
<p>2022 में बिहार में आरजेडी नेताओं के घरों पर कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले में सीबीआई की छापेमारी हुई. करीब चार आरेजेडी नेताओं पर सीबीआई की रेड पड़ी थी. इनमें लालू यादव के करीबी माने जाने वाले और एमएलसी सुनील सिंह, सांसद अशफाक करीम, फैयाज अहमद और पूर्व एमएलसी सुबोध राय शामिल थे.</p>
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<p class="bbc-kl1u1v e17g058b0" dir="ltr">बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पहले ही चारा घोटाला के अलावा कई मामलों में सज़ा काट चुके हैं. फिलहाल आरजेडी के पांच नेता ईडी और सीबीआई की जांच के घेरे में हैं.</p>
<p><sturdy>झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन&nbsp;</sturdy></p>
<p>फरवरी 2022 में बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने झारखंड के मुख्यंत्री हेमंत सोरन पर निशाना साधाय उन्होंने कहा कि सोरेन ने मुख्यमंत्री और खनन मंत्री रहते हुए अपने पद का कथित तौर पर दुरुपयोग किया है.</p>
<p>राज्यपाल रमेश बैस ने इस शिकायत की प्रति चुनाव आयोग को भेजी. आयोग ने हेमंत सोरेन पर अपना फैसला राज्यपाल को भेजा था जो अब तक सार्वजनिक नहीं हुआ है. ईडी ने हेमंत सोरेन को Three नवंबर 2022 को पूछताछ के लिए समन भेजा था.</p>
<p><sturdy>एनसीपी और शिवसेना के नेताओं पर जांच एजेंसियों का निशाना</sturdy></p>
<p>इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी पड़ताल में बताया कि एनसीपी के 11 और शिवसेना के eight नेताओं पर जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की थी.&nbsp;</p>
<p>महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेना के नेता संजय राउत पर भी ईडी का शिकंजा कसा जा चुका है.&nbsp;मुंबई में एक अगस्त 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. राउत पर गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर के एक चॉल में 672 फ़्लैटों के पुनर्निमाण के मामले में जमीन के हेरफेर का आरोप लगा था.&nbsp;</p>
<p><sturdy>बसपा -&nbsp;</sturdy></p>
<p>मायावती के शासनकाल में स्मारकों के निर्माण में कथित अनियमितताओं के लिए यूपी सतर्कता विभाग द्वारा बसपा सरकार के मंत्रियों औरअधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. 2014 में इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. जनवरी 2019 में सात स्थानों पर छापेमारी की थी. &nbsp;</p>
<p>ईडी के अनुसार 2007 और 2012 के बीच स्मारकों के निर्माण में कथित अनियमितताओं से सरकारी खजाने को 111.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. नोटबंदी के समय मायावती भी सवालों के घेरे में आ गई थीं.</p>
<p><sturdy>मोहम्मद इकबाल</sturdy></p>
<p>मायावती शासन के दौरान उत्तर प्रदेश में 21 चीनी मिलों के विनिवेश में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का मामला है. मामले में सीबीआई और ईडी दोनों जांच कर रही हैं. पिछले साल मार्च में ईडी ने बसपा के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के स्वामित्व वाली सात चीनी मिलों को धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत कुर्क कर लिया था. इनके अलावा बसपा के नेता विनय शंकर पर भी ईडी ने शिंकजा कसा है.</p>
<p><sturdy>सपा</sturdy></p>
<p>समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी गोमती रिवरफ्रंट परियोजना में अनियमितताओं के लिए सीबीआई और ईडी दोनों की जांच के दायरे में हैं.</p>
<p><sturdy>आजम खान</sturdy></p>
<p>2020 में ईडी ने सपा नेता आजम खान के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आजम खान पर अली जौहर ट्रस्ट धन के कथित हस्तांतरण का मामला दर्ज है.&nbsp;</p>
<p><sturdy>टीडीपी</sturdy></p>
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<p>टीडीपी के वाइएस चौधरी, प्रभाकर रेड्डी, रायापति राव, ए रेवनाथ रेड्डी पर भी ईडी अलग-अलग मामलों की जांच कर रहा है.</p>
<p><sturdy>टीआरएस- नाम नागेश्वर राव</sturdy></p>
<p>ईडी ने टीआरएस के लोकसभा सांसद नामा नागेश्वर राव की कंपनी मधुकॉन समूह पर धन शोधन की जांच के सिलसिले में करीब 96 करोड़ की संपत्ति कुर्क की थी.&nbsp;&nbsp;</p>
<p><sturdy>INLD- ओम प्रकाश चौटाला</sturdy></p>
<p>2019 में ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री से कथित तौर पर जुड़ी संपत्तियां जब्त की थीं. चौटाला और उनके बेटों अभय और अजय की दिल्ली और हरियाणा में कथित तौर पर 3.68 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई थी.</p>
<p><sturdy>मनसे- राज ठाकरे</sturdy></p>
<p>अगस्त 2019 में ईडी ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से पूछताछ की थी. मामला कोहिनूर सीटीएल को इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) ऋण अनियमितताओं से जुड़ा था. जांच अभी भी जारी है.</p>
<p>इसके अलावा विपक्षी पार्टी के रिशतेदारों में राबर्ट वाडरा, अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी पर अलग-अलग ईडी का शिकंजा कसा जा चुका है.</p>
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